अनुभवों की श्रेणियां

अनुभवों की कतारें

एक शिक्षक , अपने जीवन में सीखे हुए, अपने सबसे श्रेष्ठ अनुभवों और ज्ञान को अपने विद्यार्थियों में रोपित करना चाहता है। हालांकि वो श्रेष्ठ अनुभव शिक्षक के व्यक्तिगत होते हैं और इसी के अनुसार वो अपना रास्ता चुनता है। ऐसी स्थिति में यह संभावना बहुत कम रहती है कि उसका सिखाया जाने वाला ज्ञान सबके पास एक ही तरह से पहुंचेगा, या फिर किसी भी तरह से नहीं।

शिक्षक के सिखाए हुए रास्तों को सब याद नहीं रख सके, क्योंकि रास्ते एक प्रक्रिया के बाद ही सामने आना शुरु करते हैं। यह बिल्कुल वैसा है जैसे एक पड़ाव और फिर उसके बाद दूसरा। बिना प्रक्रिया का हिस्सा बने कुछ भी सीखा या समझाया नहीं जा सकता। स्वयं सिखाने वाला भी, सबसे पहले उस प्रक्रिया से होकर निकला होगा । तब जाकर वो अपना अनुभव साझा कर पा रहा है। तो सीखने वाले बिना प्रक्रिया में जाए कैसे सीख पाएंगे..!

“सीख तब भी सबको समझ नहीं आई थी ..!

और न अब..

हर बात अपनी प्रक्रिया से होकर निकलती है

उसके बिना कुछ भी संभव नहीं

हो ही नहीं सकता ..!”

शिविका🌿

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