बीज के मन में, न वृक्ष होगा और न ही उससे जुड़ा कुछ और, हालांकि मिट्टी में जाने से पहले भी वो है, लेकिन वो केवल बीज है और बीज का मन नहीं होता, ऐसा मान लिया गया है… बिना बीज के सृजन नहीं हो सकता, लेकिन बीज को फिर भी अपना अस्तित्व दिखाने के लिए मिट्टी में जाना होगा। बिना मिट्टी के उसका सृजन में कोई स्थान नहीं..! वो नष्ट भी हो सकता है और अचानक कहीं मिट्टी में जाकर एक पौधा बनकर झाँकता हुआ बाहर भी आ सकता है। पर वो वृक्ष बनेगा, यह कहा नहीं जा सकता..!
“पौधे कई बार कुचल दिए जाते हैं, वृक्ष कुचलना संभव नहीं और उन्हें जड़ों से उखाड़ पाना इतना आसान नहीं, इसलिए उन्हें ऊपर से ही काट दिया जाता है…”
शिविका 🌿