चौपाल भाग (दो)
एक रेडियो स्टेशन, जहां पर आज की चर्चा का मुख्य विषय जलवायु परिवर्तन है…
(पृष्ठभूमि में लहरों के टकराने की आवाज़)
Radio jockey की आवाज़ आती है… –
देवियों और सज्जनों, “द वार्मिंग टाइड्स” प्रोग्राम में आपका स्वागत है। मैं हूं गौरव, आपका होस्ट…
आज हम ग्लोबल वार्मिंग के ज़रूरी मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
इस पर चर्चा के लिए हमारे साथ स्टूडियो में मौजूद हैं, पर्यावरण विशेषज्ञ गीता और स्थानीय मछुआरा कीरी…
आप दोनों का स्वागत है… तो बताइए गीता, आज की परिस्थितियां हमें क्या बता रही हैं..?
गीता -:
गौरव , हमारा ग्रह मानवीय गतिविधियों के कारण बहुत गर्म हो रहा है। समुद्र का बढ़ता जल स्तर, चंद्र नगर जैसे तटीय स्थानों के लिए एक बहुत बड़ा ख़तरा है।
अगर हमने अभी भी ध्यान नहीं दिया , तो कुछ भी हो सकता है…
(सीगल और मछली पकड़ने वाली नावों की आवाज़)
गौरव –
इस बात पर, तुम्हारा क्या सोचना है कीरी..?
कीरी मछुआरा –
गीता जी, ग्लोबल वार्मिंग की ये सारी बातें , मेरे जाल को नहीं भर पाएंगी। मुझे जीवित रहने के लिए मछलियों की ज़रूरत है!
गीता –
लेकिन…अगर हम अपने महासागरों की रक्षा नहीं करेंगे, तो कोई मछली नहीं बचेगी। हमें इन सबका स्थायी समाधान खोजना होगा…
मैंने अंटार्कटिका में, बर्फ की core का विश्लेषण किया है..
CO2 का स्तर 125,000 वर्षों में सबसे अधिक जा पहुंचा है। यह गंभीर चिंता का विषय है।
वेनेजुएला का आखरी ग्लेशियर भी इस साल पिघल चुका है…
गौरव –
लेकिन, गीता..!
क्या हम इसे उलट सकते हैं?
गीता –
इसमें समय लगेगा, लेकिन हमें CO2 उत्सर्जन कम करना होगा। अन्यथा, पृथ्वी गर्म होती रहेगी और जल्दी ही समुद्र का स्तर तेज़ी से बढ़ेगा।
जिसके कारण इसके किनारे पर स्थित सारे शहर, डूब जाएंगे।
कीरी –
हमारा एकमात्र जीविका का साधन भी नष्ट हो जायेगा..!
गीता –
कीरी, इसका प्रभाव केवल समुद्र तटों पर ही नहीं, मैदानी भागों में भी देखने को मिलेगा…
भूमिगत जल स्तर में कमी और जल संकट…ऐसे कई प्रभाव इसमें सम्मिलत हैं…
गौरव –
समुद्र में कचरा फेंकना भी कितनी आम बात हो गई है ..?
कीरी –
हां, कुछ दिन पहले हमारे जाल में मछली की जगह कचरा ही आया था…
गीता –
मैदानों से कचरा ढोकर समुद्र में फेंका जा रहा है, यहां तक की जहाज़ों से निकलने वाले तेल से भी बड़ी मात्रा में जलीय जीव समाप्त हो रहे हैं…
इससे भी, समुद्री जीवन को नुकसान पहुंचता है और ग्लोबल वार्मिंग में तेज़ी आती है..।
गौरव-
हमारे श्रोता क्या कर सकते हैं? उनके लिए कोई विशेष संदेश..?
गीता –
प्लास्टिक का उपयोग कम करें, पेड़ लगाएं और जागरूकता फैलाएं। हर छोटा कदम मायने रखता है।
गौरव –
बहुत – बहुत धन्यवाद आपका गीता जी और कीरी…
(धीमा संगीत)
श्रोताओं, “द वार्मिंग टाइड्स” में शामिल होने के लिए धन्यवाद।
याद रखें, हम सब इसमें एक साथ हैं। आइए ,आने वाली पीढ़ियों के लिए अपने ग्रह की रक्षा करें …
शिविका🌿