धरती के प्रथम किसान

photo_2022-09-08_20-31-48

इंसानों से बहुत पहले ही खेती का काम होता आ रहा है.. धरती के सबसे पुरातन, कुशल और समृद्ध ; परंतु शांत और शील किसानों से…वो हैं चींटियां…

चींटियां स्वयं के वज़न से कई गुना ज़्यादा वज़न उठा लेती हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि चींटियां इंसानों की तरह खेती भी करती हैं। हां..ये सुनने में भले ही अजीब लग रहा हो, लेकिन यह सच है कि चींटियां भी इंसानों की तरह खेती करती हैं। इस खेती में फसल करना, सिंचाई करना, हवा के लिए उचित व्यवस्था करना भी शामिल है।

आप भी चींटी की खेती की कहानी सुनकर हैरान रह जाएंगे, खास बात ये है कि चींटियां कुछ साल पहले से ही नहीं, बल्कि इंसानों के पहले से ही ये खेती कर रही हैं। बताया जाता है कि चींटियां 5 करोड़ से अधिक साल पहले से यह काम कर रही हैं। ये खास तरह की चींटियां होती हैं, जो अपने बिलों में खेती करती हैं। ये इस खेती के लिए बहुत मेहनत करती हैं और पूरे वैज्ञानिक तरह से अपनी ‘फसल’ को पैदा करती हैं। ऐसे में जानते हैं कि आखिर ये चींटियां किस तरह से फार्मिंग करती हैं?

किस चीज की खेती करती हैं चींटियां?

इन चींटियों को लीफ कटर कहा जाता है, जो पेड़ों से पत्तियां काटती हैं।इन चींटियों के पत्तियां काटने की स्पीड बहुत तेज़ होती है और कहा जाता है कि यह एक दिन में पूरे पेड़ को साफ कर सकती हैं। इन पत्तियों को काटने के बाद वो ख़ुद इन पत्तियों को अपने बिल में लेकर जाती हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि, ये चींटियां अपने खाने के लिए नहीं, बल्कि अपनी खेती के लिए इन पत्तियों का इस्तेमाल करती हैं।एक पत्ती का वज़न उनके वज़न से कई गुना ज़्यादा होता है।

इनके बिल भी बहुत अलग होते हैं। जो कई मीटर में फैले होते हैं।एक तरह से उनके बिल में हज़ारों कमरे होते हैं और ये 5 स्कवायर मीटर तक अपने बिल को ज़मीन के नीचे फैला लेती हैं।ये चींटियां अपने बिल में फंगस की खेती करती हैं और इन पत्तियों का इस्तेमाल फर्टिलाइजर के रुप में किया जाता है।

फंगस की खेती के लिए पहले चींटियां बिल में पत्तियां लेकर आती हैं।इसके बाद इस फंगस की कीड़ों से रक्षा भी करती हैं और इस फंगस के आसपास कचरे या बेकार तत्व को हटाती हैं। इतना ही नहीं, चींटियां फंगस के लिए आवश्यक नमी की व्यवस्था करती हैं।अगर किसी स्थान पर नमी की कमी होती है तो उस स्थान पर बाहर से पानी लाकर नमी का स्तर बढ़ाती हैं और अगर नमी अधिक होती है तो उसे भी मैनेज करती हैं।इतना ही नहीं, फंगस अधिक मात्रा में कार्बन डाइ ऑक्साइड छोड़ती है तो वो उसके वेंटिलेशन की भी उपयुक्त व्यवस्था करती हैं।

चींटियां काफी सेंसिटिव होती हैं तो वो फंगस की ज़रूरत को भी समझती हैं और उसके हिसाब से उनके लिए व्यवस्था करती हैं।इसमें अलग चींटियों का भी अलग – अलग वर्ग होता है, जो हर ग्रुप का अलग – अलग काम निश्चित होता है। इसमें बड़ी चींटिया एक सैनिक की तरह काम करती हैं और वजन उठाती हैं। वो बिल की रक्षा करती हैं और रास्ता बनाती हैं। वहीं, छोटी चींटियाँ, जिन्हें मेडी कहा जाता है वो पत्तियां काटने का काम करती हैं. वहीं, दूसरी और छोटी चींटियां घर पर काम करती हैं और फंगस गार्डन के लिए काम करती हैं। इसमें कई चींटियों का काम कचरा साफ करने का होता है।

वहीं, फंगस चींटियों के लिए एक फूड सोर्स होता है, चींटियों के लार्वा के लिए काम आता है।चींटियों की दर्जनों प्रजातियां फंगस की खेती करती हैं, जिसे लार्वा को खिलाया जाता है।

प्रकृति के जितना पास जाओ, हैरानी उतनी ही बढ़ती जाती है।

Please follow and like us:
Pin Share