सपनों की दुनिया के बारे में न जानें कितने उपन्यास लिखे गए। स्वप्न सिद्धांतों की खोज की गई। यह ऐसा विषय रहा जिसने हमेशा से अपनी ओर आकर्षित किया। सपनों में मिलने वाले लोग, उनसे की गई बातें और वो सारी घटनाएं, जिसमें उस सोए हुए शरीर के भीतर , कहीं कोई हिस्सा इतना अधिक जीवित होता है , कि आँखें खुलने के बाद हुए अहसास भी कम लगें..!
सपनों ने रुलाया, हंसाया, खोज की, आकाशगंगाओं में डुबकी लगवाई, डर के कई चेहरे दिखाए, प्रेम दिखाया, अंदर छिपी वासना भी प्रकट कर दी। सपनों ने नई कहानियां दीं, जिनमें घूमते हुए मन के कई कोने बातें करने आए। सपनों की चाभी, आँखें खुलने के बाद खो जाती है। बंद आंखों से घूमा गया वो संसार इतना रोचक होता है कि कई बार आंखें खुलने से सामने आई दुनिया से ही घबराहट होने लगती है।
सपनों की सीढ़ियों ने कई निशान छोड़ दिए हैं। यात्राओं में पकड़ी गई बातें, जानें कहां- कहां से छूटकर आ जाती हैं। सपनों को जिसने ठीक से समझा है, वो जानते हैं कि यह कुंजी है बहुत से रहस्यों की। मुझे नींद हमेशा से प्रिय रही है, कई बार सोने – जागने में अधिक भिन्नता नहीं लगती।
” सपने में सपना आना और उसकी हर गतिविधि पर जागृति का स्पर्श होना। मैं एक बात तो जानती हूं अपने अनुभव से… कि हम आंखें बंद करके यात्राओं में उतरते हैं और यह उतनी ही गहरी थकान होती है, जितनी इस शरीर के साथ धरती के कई चक्कर लगा लेने के बाद अनुभव हो..! होश आपको बेहोशी में चलने से कई गुना अधिक निचोड़ लेने की क्षमता रखता है…”
शिविका🌿