Posted inआत्म स्पर्श बसेरे की उलझन April 30, 2024Posted inआत्म स्पर्शTags: अनजाने में हमेशा, आँखें मूंदने और खोलने, चुनाव की प्रक्रिया, बसेरे की उलझन, बसेरे के भ्रम किसी कार्य के आरम्भ में तैयारी के साथ बेचैनी भी अपने शिखर से चढ़ती उतरती रहती है। आरंभ ऐसा दिखता है जैसे किसी बात को परखा…