शिव की भेंट

शिव की भेंट

शिव की भेंट- चिदानंदरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम्..। कितना सहज है, उन भावों के विस्तार के बारे में लिखना, जो अंदर जाकर एक गूंज की तरह बहता ही रहता है।…