World of Crocodiles
मगरमच्छों की दुनिया
प्रकृति से अधिक आश्चर्य कोई नहीं दे सकता और बात जब इसके जीवों की हो तो…अनगिनत जीव हैं, जिनकी दुनिया अब भी हमारी पहुंच से दूर है। मगरमच्छ रेप्टीलिया वर्ग के सबसे बडे़ जंतुओं में से एक है। यह 4 से 25 फीट तक लंबा हो सकता है।
1) खारे पानी के मगरमच्छ दुनिया में सबसे बड़े सरीसृप हैं। वे 6.17 मीटर तक बढ़ सकते हैं और एक टन से भी अधिक वजन के हो सकते हैं।
2) मगरमच्छ की उम्र औसतन 30-40 साल और बड़ी प्रजातियों के मामले में औसतन 60-70 साल है।
मगरमच्छ ज़मीन पर भी बहुत तेज़ दौड़ सकता है। पानी का राजा होने के साथ- साथ तथा ठंडे खून के प्राणी होने के कारण अधिक गर्मी या सर्दी सहन नहीं कर सकते तथा भोजन पचाने के लिए धूप सेंकने का सहारा लेते हैं। इनका पाचन बड़ा धीमा होता है और ये हफ्तों तक भूखे रह सकते हैं।
भारत की बात करें तो भारत में तीन प्रकार की मगरमच्छ की प्रजातियां पाई जाती हैं…
- खारे जल का मगरमच्छ (Saltwater crocodile) Crocodylus porosus
- मगरमच्छ (Marsh crocodile) Crocodylus palustris
- घड़ियाल (Gharial / Fish-eating crocodile) Gavialis gangeticus)
मगरमच्छ के जबड़े में कम से कम 60 और अधिकतम 110 दांत होते हैं।
मगरमच्छ के दांत नियमित रूप से झड़ते और उगते रहते हैं। अपने जीवन में कम से कम 50 बार उसके दांत झड़ जाते हैं।
मगरमच्छ अपने जबड़े से 5000 पाउंड प्रति स्क्वायर इंच दबाव डाल सकते हैं, जबकि इंसान का जबड़ा अधिकतम 100 पाउंड दबाव डाल सकता है।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ,मगरमच्छ जबड़ा बंद करते समय जितना ताकतवर होता है खोलते समय उतना ही कमजोर होता है। स्त्रियों के बालों में जो रबर बैंड होता है यदि उससे मगरमच्छ का जबड़ा बंद कर दिया जाए तो वह अपनी ताकत से उसे खोल नहीं पाएगा। रिकॉर्ड के अनुसार दुनिया का सबसे लंबा मगरमच्छ 6.17 मीटर (20.2 फीट) मापा गया और इसका वजन 1,075 किलोग्राम (2,370 पाउंड) था। वह फिलीपींस के अगुसन डेल सुर प्रांत में पाया गया था।
मगरमच्छ यदि अपना जबड़ा खोल कर बैठा हुआ है तो इसका मतलब वह अपने शरीर की गर्मी बाहर छोड़ रहा है। ऐसी स्थिति में वह कभी शिकार नहीं कर पाता। मगरमच्छ पानी में 35 किलोमीटर प्रति घंटा और जमीन पर 17 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से आगे बढ़ सकता है।
मगरमच्छ जब धूप लेने के लिए पानी की सतह पर आता है तो किसी भी संभावित हमले से बचने के लिए एक आंख खोल कर सो जाता है। लोगों को लगता है कि वह जाग रहा है और उन्हें देख रहा है। इसलिए कोई उसे डिस्टर्ब नहीं करता।
रोचक बात यह है कि अगर आप मगरमच्छ को अपने स्विमिंग पूल में क़ैद कर दें और भोजन ना दें तो भी वह कम से कम 1 साल तक जीवित रह सकता है।
इन जानवरों के जीन में गुणसूत्र में लिंग निर्धारक नहीं होते हैं और वे अपने भविष्य के बच्चों के लिंग पर निर्भर नहीं होते हैं।तापमान लिंग निर्धारण करता है…यदि अंडों के ऊष्मायन के दौरान निरंतर तापमान 28 से 30 या 33 डिग्री सेल्सियस है, तो विकास धीमा है, और बदले में, जो सभी जीवित रहते हैं वे मादा होंगे। दूसरी ओर, यदि तापमान नियमित रूप से 32 से 32.5 डिग्री सेल्सियस है, तो नर मगरमच्छ होंगे।
Dr. Jaibir Singh
Chairman
Wildlife Research and Conservation Center